हल्द्वानी में दंगाइयों ने पुलिस कर्मियों पर किया हमला, 150 पुलिसकर्मी घायल, 6 लोगों की मौत,देखते ही गोली मारने के आदेश

उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में गुरुवार को उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए. इस हिंसा में अभी तक 6 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

दरअसल पुलिस प्रशासन की टीम हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को हटाने गई थी. जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. उन्हें बैरिकेड तोड़ते और विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते देखा गया.

प्रशासन का विरोध करने के लिए पूरी तैयारी के साथ थे उपद्रवी

वनभूलपुरा में प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने के लिए सैकड़ों युवा, छोटे बच्चे और महिलाओं की ओर से पहले से तैयारी की गई थी. अतिक्रमण को हटाए जाने के दौरान बवाल को काबू करने में लगे पुलिसर्मियों पर गलियों से स्थानीय लोगों की भीड़ ने जमकर पथराव किया. उपद्रव के बीच अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई को रोककर अधिकारी और पुलिसकर्मी वापस लौटने लगे.इस बीच दंगाइयों ने प्रशासन और पुलिस के वाहनों में आग लगा दी इतना ही नहीं रास्ता बंद कर पुलिस और प्रशासन की टीम को रोकने की कोशिश की गई.दंगाइयों ने पुलिस की सिटी पेट्रोल कार और नगर निगम का ट्रैक्टर भी फूंक दिया.पत्थरबाजी में पुलिस के दर्जनों अफसर समेत 150 से अधिक जवान घायल हो गए. वहीं, पुलिस की कार्रवाई में भी 100 लोग घायल हुए. एसडीएम हल्द्वानी परितोष वर्मा, एसडीएम कालाढुंगी रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार समेत कई अफसर के घायल होने की जानकारी है.

विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए दिए गए थे नोटिस

वनभूलपुरा क्षेत्र में मालिक का बगीचा की करीब 2 एकड़ भूमि को नजर भूमि बताते हुए प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम 29 जनवरी को मौके पर पहुंची थी. भूमि को अपने कब्जे में लेते हुए निगम ने पक्का निर्माण ढहा दिया था. हालांकि, वहां बने एक मदरसे और धार्मिक स्थल को उस दिन नहीं तोड़ा गया. दूसरे दिन भी एक टीम ने मौके पर पहुंचकर तारबंदी कर दी. प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकारी को इस दिन शाम को नोटिस जारी कर एक फरवरी तक दोनों निर्माण हटाने को कहा गया.हालांकि, 1 फरवरी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.3 फरवरी को विरोध में वनभूलप़रा क्षेत्र के लोगों ने नगर निगम कार्यालय पर पहुंचकर अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराया। हालांकि, बात नहीं बनी. अधिकारियों ने 4 फरवरी की सुबह 6:00 बजे अतिक्रमण तोड़ने का फैसला लिया गया.

आधी अधूरी तैयारी के साथ मौक़े पर पहुंची थी प्रशासन की टीम

वनभूलपुरा में चार दिन पहले तनाव के बावजूद अतिक्रमण हटाने को क्षेत्र में व्यापक इंतजाम नहीं होने की बात कही जा रही है. प्रशासन की टीम पर सवाल उठने लगे हैं.तनाव फैलने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और एसडीएम कालाढुंगी रेखा कोहली महिला पुलिसकर्मियों के साथ पहुंची थीं.आगजनी की घटना के बाद नगर आयुक्त मौके पर पहुंचे. भारी पुलिस की बंदोबस्ती के बीच सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम को घटना स्थल से बाहर निकाला गया.

बवाल में 6 लोगों की मौत, तनाव ज़ारी

बवाल में देर रात दो बजे तक छह लोगों की मौत हो चुकी है.महिला एसडीएम व एसपी समेत करीब 150 से अधिक लोग पथराव में चोटिल लोग अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं.

उपद्रवियों ने फूंकी पुलिस की गाड़ियां, अफरा तफरी का रहा माहौल

प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के अलावा पुलिस व निगम कर्मचारी मिलाकर करीब 700 लोगों की फोर्स थी, लेकिन जैसे ही बुलडोजर और टीम आगे बढ़े. चारों तरफ से पथराव शुरू हो गया. देखते ही देखते करीब 10 हजार से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ जुट गई.

सड़क से लेकर घरों की छतों से पत्थर बरसने लगे. एसडीएम कालाढूंगी रेखा कोहली, एसपी हरबंस सिंह, एसओ प्रमोद पाठक समेत पुलिस, निगमकर्मी संग पत्रकारों को पत्थर लगे.छह बजे तक बवाल पूरे क्षेत्र में फैल चुका था. भारी संख्या में उपद्रवी बनभूलपुरा थाने पहुंच गए.जहां उन्होंने थाने के बाहर खड़े पुलिस व मीडियाकर्मियों के एक दर्जन से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया.इसके अलावा अलग-अलग इलाकों में 50 से अधिक वाहन जलाए गए हैं.इसमें पीएसी व पुलिस की दो बस, सड़कों पर खड़े चौपहिया व दोपहिया वाहन शामिल हैं.दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है.