बाबा विश्वनाथ मां जगदीशिला डोली रथ यात्रा हुईं प्रारम्भ,उत्तराखंड की 10,500 किमी की परिक्रमा करेंगी डोली

उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड में एक हजार धाम चिन्हित करने एवं देव संस्कृति कों बढ़ावा देनें के साथ ही जग कल्याण के लिए  निकाली जानें वाली बाबा श्री विश्वनाथ मां जगदीशिला डोली रथ यात्रा का आगाज हो गया हैं.देवभूमि उत्तराखंड के सभी 13 ज़िलों के भ्रमण पर रहने वाली यह रथ यात्रा इस बार अपने 26 वें साल में प्रवेश कर गई हैं.रथ यात्रा के संयोजक एवं पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने इस अवसर पर कहा कि यह देव यात्रा अभी तक उत्तराखंड में 378 देवालयों कों चिन्हित कर चुकी हैं.7 मई से 5 जून तक निकाली जानें वाले इस रथ यात्रा की इस बार ख़ास बात यह हैं कि इस बार यह देवभूमि उत्तराखंड में 31 दिनों के अपने भ्रमण के दौरान 26 वें साल में प्रवेश करने के साथ ही पुराने स्थलों पर न जाकर नए देवालयों में जाएगी.भगवान विश्वनाथ मां जगदीशिला डोली रथ यात्रा इस बार 51नए देवालयों कों चिन्हित करेंगी.

रथ यात्रा के संयोजक पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने जानकारी देतें हुए बताया कि 7 मई से प्रारम्भ हुईं इस देव यात्रा का 5 जून गंगा दशहरा के दिन टिहरी गढ़वाल की घनसाली तहसील के विशोन पर्वत पर समापन होगा.मंत्री प्रसाद नैथानी ने जानकारी देतें हुए बताया कि 31 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में उत्तराखंड की 10,500 किमी की यह डोली परिक्रमा करेंगी.उधर श्री विश्वनाथ जगदीशिला समिति के अध्यक्ष रूप सिंह बजियाला ने कहा कि भगवान विश्वनाथ मां जगदीशिला डोली रथ यात्रा देवभूमि उत्तराखंड के 2200 देवालयों का दर्शन कर लाखों लोगों कों अपना आशीर्वाद दें चुकी हैं.

यह डोली यात्रा देव यात्रा हैं और इसमें केवल देवी देवताओं का ही अवतरण होता हैं.इस डोली यात्रा में शामिल होंने से धन धान्य की प्राप्ति होंने के साथ ही यश और वैभव में भी वृद्धि होती हैं.निसंतान दम्पतियों की संतान प्राप्ति के लिए यह डोली चमत्कारिका हैं.निरंजनी अखाड़े के महामंडलेंश्वर एवं भारत माता मंदिर हरिद्वार के महंत स्वामी ललिता नंद गिरी जी महाराज बताते हैं कि बाबा श्री विश्वनाथ मां जगदीशिला डोली का जिस भी भक्त ने आशीर्वाद लिया उसका कल्याण हुआ हैं और उसके दुःख दर्द दूर हुए हैं.

 

 

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