सेना के 3 कर्नल और 16 जवानों के खिलाफ कश्मीर में मुकदमा दर्ज :थाने के अंदर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट का हैँ आरोप

कश्‍मीर में आतंकवाद के सफाए के लिए भारतीय सेना, सीआरपीएफ और स्‍थानीय पुलिस दशकों से मिलकर वहां ऑपरेशन चला रही है. बुधवार को घाटी के कुपवाड़ा में कुछ ऐसा हुआ, जिसकी शायद किसी ने कभी उम्‍मीद ही नहीं की होगी. कुपवाड़ा के एक थाने में तीन कर्नल सहित कुल 16 जवान एके-47 व अन्‍य हथियार लेकर घुस गए. उन्‍होंने वहां चार पुलिसकर्मियों के साथ जमकर मारपीट की. इतना ही नहीं आरोप है कि वो एक पुलिसकर्मी को भी जबरन अपने साथ ले गए.

मामला जब कश्‍मीर पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंचा तो इसपर सख्‍त रुख अख्तियार किया गया. भारतीय सेना के तीन कर्नल सहित 16 जवानों के खिलाफ इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है. सेना के जवानों पर हत्‍या का प्रयास, डकैती, अपहरण और आर्म्‍स एक्‍ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. एफआईआर में लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजीव चौहान और निखिल का नाम लिखा गया है. अब मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कश्‍मीर में ऐसा क्‍या हुआ, जो आर्मी और पुलिस दोनों आमने-सामने आ गए. आइये हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

टेरिटोरियल आर्मी से जुड़ा है मामला…

कुपवाड़ा पुलिस घाटी में कथित ड्रग्‍स तस्‍करों के रैकेट की जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में पुलिस ने टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान को उसके घर में पकड़ा था. इस जवान की कथित भूमिका के बारे में पुलिस थाने में लेजाकर पूछताछ कर रही थी. टेरिटोरियल आर्मी सीधे तौर पर सेना का हिस्‍सा नहीं होती. वो ऑपरेशन के दौरान सेना की मदद करती है.

वदी में थाने में ली एंट्री…

कुपवाड़ा पुलिस का दावा है कि वर्दी में सेना के अधिकारी और अन्‍य जवान अपनी वर्दी में थाने में घुसे थे. टेरिटोरियल आर्मी के जवान से पूछताछ से नाराज आर्मी के ये अधिकारी अंदर आकर मारपीट करने लगे. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस की तरफ से जारी किया गया. एक डीएसपी स्‍तर के अधिकारी को इस पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई है. उधर, सेना के प्रवक्‍ता ने इस घटना को बेहद मामूली करार दिया. उन्‍होंने कहा कि सेना के द्वारा पुलिसकर्मियों को पीटे जाने की खबर भ्रमक है