उत्तराखंड,कोटद्वार
कोटद्वार में नगर निगम चुनावों के बाद कांग्रेस के अंदर मचे घमासान नें पार्टी अनुशासन कों तार-तार कर दिया है.निकाय चुनाव में मेयर पद से लेकर पार्षद पद तक पार्टी की हुईं करारी हार के बाद आरोप प्रतिरोपों का जों दौर शुरू हुआ था वह दौर अभी भी ज़ारी है.कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष विनोद डबराल नें एक ओर कांग्रेस की हार के लिए जहां महानगर कांग्रेस और कोटद्वार के बड़े कांग्रेसी नेताओं कों ज़िम्मेदार ठहराया वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेन्द्र सिंह नेगी भी अब खुलकर सामने आ गए है.सुरेन्द्र सिंह नेगी नें साफ शब्दों में अपनें विरोधियों कों चेता दिया कि यदि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ किसी नें काम किया होता तों जितनें वोट उन्हें मिलें है उसके आधे भी उन्हें नहीं मिलते.लिहाजा सिर्फ आरोप लगाना कि कांग्रेस के बड़े नेताओं नें उनके खिलाफ काम किया यह निराधार आरोप है.
चुनाव के दौरान हुए कार्यक्रमों की जिलाध्यक्ष द्वारा नहीं दी गईं सूचना
मीडिया से बात करतें हुए पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी नें कहा कि निकाय चुनाव के दौरान जितने भी चुनावी कार्यक्रम हुए उनकी सूचना तक उनको नहीं दी गईं बल्कि कांग्रेस पार्टी के जों भी नेता चुनाव प्रचार में कोटद्वार आए उनकी भी सूचना उन्हें नहीं दी गईं.इतना ही नहीं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी नें यहां तक कहा कि चुनावों के दौरान उन्हें हॉउस अरेस्ट कर दिया गया और उनसे एक बार भी नहीं पूछा गया कि निकाय चुनाव का संचालन किस तरह करना है.पूर्व मंत्री नेगी नें आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी की बागडोर सँभालने वाले लोगो नें उनसे एक बार भी सलाह मशवरा किया होता तों आज पार्टी के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं होती साथ ही उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि पूरी पार्टी कों साथ लेकर चुनाव लड़ा जाता.
लक्ष्मण रेखा पार नहीं कर पाई कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेसी दिग्गज सुरेन्द्र सिंह नेगी नें कहा कि कांग्रेस पार्टी नें जिन्हें कोटद्वार में अपना प्रत्याशी बनाया उन्हीं के यह शब्द थे कि वह न तों सुरेन्द्र नेगी के किसी कार्यक्रम में जाएंगी और न उनके साथ किसी मंच कों शेयर करेंगी.उन्होंने कहा कि पूरे निकाय चुनाव में उन्हें नहीं बताया गया कि उन्हें क्या करना है,लिहाजा उन्हें मजबूरन घर बैठना पड़ा,लेकिन फिर भी कांग्रेस का जों परम्परागत वोट बैंक कोटद्वार में है वह कांग्रेस प्रत्याशी कों मिला.सुरेन्द्र सिंह नेगी नें आगे कहा कि कांग्रेस नें कोटद्वार में जिन्हें मेयर प्रत्याशी बनाया 2018 से लेकर 2025 तक उनके होर्डिंगों,बैनरों और पोस्टरों से उनका चेहरा गायब रहा लेकिन ज़ब निकाय चुनाव आए तों उनका चेहरा होर्डिंगों,बैनरों और पोस्टरों में फिर से चमकने लगा.
कोटद्वार में कांग्रेस के संगठन की स्थिति से पीसीसी कों कराया अवगत
मीडिया से बात करतें हुए पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी नें कांग्रेस संगठन कों लेकर भी गंभीर सवाल उठाए.पूर्व मंत्री नें साफ किया कि जिस प्रकार कोटद्वार में कांग्रेस के दो-दो कार्यालय चल रहें है इसको लेकर वह सवाल खड़े कर चुके है,उन्होने कहा कि मैंने फैसला किया था कि ज़ब तक दोनों कार्यलयों का आपस में समन्वय नहीं होगा तब तक वह किसी भी कार्यालय में नहीं जाएंगे.साथ ही उन्होंने कहा कि कोटद्वार में जिला कार्यालय अपने अलग कार्यक्रम चला रहा है तों महानगर कांग्रेस अपने और इससे पार्टी का नुकसान हों रहा है.कांग्रेसी दिग्गज सुरेन्द्र सिंह नेगी नें कहा कि उन्होंने कोटद्वार कांग्रेस के मौजूदा हालातों से पार्टी अलाकमान कों पहले ही अवगत करा किया था लेकिन इसके बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया,और इसी का खामियाजा आज पार्टी कों भुगतना पड़ रहा है.
2017 और 2022 में कांग्रेस की हार पर भी खुलकर बोलें सुरेन्द्र सिंह नेगी
लम्बे समय बाद प्रेस वार्त कर पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी नें अपनी पिछली दो विधानसभा हार के लिए कांग्रेस के साथ हुए भीतरघात कों जिम्मेदार ठहराया.उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोगों में धैर्य नाम की कोई चीज नहीं बची है और वह सब कुछ एक दिन में ही पा लेना चाहते हैं.लेकिन राजनीति में यह संभव नहीं हैं और इसके लिए जनता के बीच बना रहना पड़ता हैं,सालों लग जाते हैं अपनी राजनीतिक जड़े मजबूत करने में.2017और 2022 में भाजपा प्रत्याशियों से हार पर बोलते हुए सुरेन्द्र सिंह नेगी नें कहा कि कांग्रेस का एक धड़ा तों उन्हें हराने के लिए रात दिन काम करता रहा,लेकिन सब कुछ जानते हुए भी वह चुपचाप रहें और किसी के लिए एक अपशब्द तक नहीं कहा.लेकिन निकाय चुनाव में कांग्रेस की हार पर ऐसा बवाल मचा हुआ हैं कि जिला कांग्रेस कार्यालय और महानगर कांग्रेस में राजनीतिक द्वन्द छिड़ा हुआ हैं,जों सीधे तौर पर कांग्रेस कों कमज़ोर कर रहा हैं.