मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविन्द्र वायकर के साले के खिलाफ केस दर्ज किया है. मुंबई पुलिस ने यह एफआईआर लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने के आरोप में की है. इसके अलावा, पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.
इस मामले को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाकर जवाब मांगा है. वहीं चुनाव आयोग ने भी इसे लेकर आज शाम को 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. कहा जा रहा है कि आयोग इस मामले पर विस्तार से सफाई देगा.
दरअसल मुंबई पुलिस को नॉर्थ पश्चिम सीट से लड़ने वाले कई उम्मीदवारों और चुनावी आयोग की तरफ से शिकायतें मिली थी, जिसके आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है. नॉर्थ पश्चिम सीट से रविन्द्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद महज 48 वोटों से चुनाव जीते थे. जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था.
लगे हैं ये गंभीर आरोप
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था, जिससे मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट होता है. इस फोन का इस्तेमाल सांसद के रिश्तेदार पांडिलकर कर रहे थे. पुलिस को संदेह है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम 4.30 बजे तक किया गया, जब कांटे की टक्कर चल रही थी.
चुनाव आयोग के पास सभी सीसीटीवी फुटेज हैं, जो अब मुंबई पुलिस को दे दिए गए हैं, जो मामले की जांच कर रही है. मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने तीन टीमें बनाई हैं. आज से पुलिस चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी, जो जांच में अहम भूमिका निभाते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस फोन की सीडीआर ले रही है और मोबाइल नंबर की सभी जानकारी जुटा रही है. फोन जब्त कर लिया गया है.
पुलिस जानना चाहती है कि किसको कॉल की गई और कितने ओटीपी आए. पुलिस यह भी जानना चाहती है कि उस फोन पर कॉल आए या नहीं. नियमों के अनुसार ओटीपी जनरेट होने के बाद फोन को आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) को देना होता है. अब जांच की जा रही है कि फोन वापस क्यों नहीं लिया गया. फिलहाल इसकी जांच पुलिस कर रही है और अब मोबाइल की फॉरेंसिक की रिपोर्ट का इंतजार है
शिवसेना और अखिलेश का चुनाव आयोग पर निशाना
आदित्य ठाकरे ने भी इस घटना को लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘EC का नया मतलब है ‘Entirely Compromised’ (पूरी तरह से समझौता) न कि ‘इलेक्शन कमीशन’
वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘टेक्नॉलजी समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए, तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए.आज जब विश्व के कई चुनावों में EVM को लेकर गड़बड़ी की आशंका ज़ाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स EVM में हेराफेरी के ख़तरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर EVM के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें.आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी माँग को हम फिर दोहराते हैं.’