CM धामी मंत्रीमंडल में इन भाजपा विधायकों की खुल सकती हैं लॉटरी, दायित्वधारियों की मन की मुराद भी हों सकती हैं पूरी

उत्तराखंड

 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि सदन में दिया उनका एक विवादित बयान न सिर्फ उनकी बल्कि पार्टी की भी फजीहत करा देगा. यही कारण है कि आखिर में मजबूर होकर प्रेमचंद अग्रवाल को न सिर्फ कैबिनेट पद से इस्तीफा देना पड़ा, बल्कि मुख्यमंत्री को भी उसे स्वीकार करना पड़ा. बीजेपी के कई नेताओं ने भी प्रेमचंद अग्रवाल के इस फैसलें का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने पार्टी को बड़े नुकसान होने से बचाया है.

दरअसल, प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे को लेकर धर्मपुर से बीजेपी विधायक विनोद चमोली से ज़ब सवाल किया गया तों उन्होने साफ कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा दूसरे नेताओं के लिए सबक हैं और प्रेमचंद अग्रवाल ने एक अच्छी पहल करके कहीं न कहीं बीजेपी को नुकसान होने से बचाया है.यानि भाजपा विधायक विनोद चमोली का साफ इशारा था कि जों भी नेता पार्टी की छवि कों धूमिल करने की कोशिश करेगा,सरकार में उसके लिए कोई भी स्थान नहीं हैं.

प्रेमचंद की विदाई के बाद इसी माह होना हैं सीएम धामी कैबिनेट का दूसरा मंत्रीमंडल विस्तार 

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि यह तय है कि मार्च माह में ही कैबिनेट का विस्तार होना है.दरअसल, प्रेमचंद के इस्तीफे से अब कैबिनेट में पांच पद खाली हो चुके हैं. इन्हें समय पर भरना भी सरकार की मजबूरी है, क्योंकि नए मंत्रियों को अपना प्रदर्शन दिखाने के लिए कुछ वक्त भी चाहिए होगा.इस बीच 23 मार्च को धामी सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है लिहाजा माना जा रहा है कि इसके आसपास कभी भी कैबिनेट विस्तार हो सकता है.

 

भाजपा के इन विधायकों की मंत्री बनने की खुल सकती हैं लॉटरी

भाजपा के हलकों में यह चर्चा भी है कि हरिद्वार और नैनीताल से एक-एक विधायक को मंत्री पद मिल सकता है। हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान और प्रदीप बत्रा में से किसी एक को यह पद मिल सकता है.वहीं नैनीताल से विधायक बंशीधर भगत और राम सिंह कैड़ा के नाम की चर्चाएं हैं.

देहरादून जिले से विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान और सहदेव पुंडीर, वहीं टिहरी के देवप्रयाग से विनोद कंडारी और पिथौरागढ़ से विशन सिंह चुफाल प्रबल दावेदारों में हैं.उधर दूसरी ओर केदारनाथ से भाजपा विधायक आशा नौटियाल का नाम भी मंत्रिमण्डल में शामिल होंने की चर्चाओं में हैं.सूत्रों का कहना है कि मौजूदा कैबिनेट मंत्रियों में कुछ मंत्रियों से विभाग वापस लिए जा सकते हैं, जबकि कुछ का कद भी बढ़ाया जा सकता है. ऐसी चर्चाओं के बीच कैबिनेट मंत्रियों में भी बैचेनी बढ़ गई है।

दायित्वधारियों पर भी कसरत तेज हुई

कैबिनेट विस्तार से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को दायित्वों से भी नवाजा जा सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस पर लगभग कसरत पूरी हो चुकी है। पार्टी हाईकमान को 30-32 कार्यकर्ताओं की सूची भेजी जा चुकी है। मुख्यमंत्री धामी चरणों में यह सूची जारी करेंगे या फिर एक साथ यह तोहफा देंगे, यह फैसला वे स्वयं लेंगे। लेकिन यह तय है कि इसी माह कई भाजपा कार्यकर्ताओं का कद बढ़ सकता है।