दहशतगर्दो की गोलियों से थर्रा उठी कश्मीर घाटी,26 पर्यटकों की मौत,पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला

जम्मू कश्मीर

कश्मीर की वादियां एक बार फिर दहशतगर्दों की गोलियां से थर्रा उठी हैं. आतंकियों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में खुलेआम नरसंहार किया है. जिन वादियों में देशभर से सैलानी घूमने पहुंचे थे, उसी वादी में दहशतगर्दों ने सैलानियों का पहले धर्म पूछा और फिर मौत के घाट उतार दिया. आतंकियों ने हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया. किसी पत्नी के आंखों के सामने आतंकियों ने पति को गोली मार दी, किसी की आंखों के सामने परिजन को मार दिया. दहशतगर्दों ने एक-दो नहीं, बल्कि 26 सैलानियों को चुन-चुन कर मारा. दहशतगर्दी का ऐसा खौफनाक खेल खेला गया कि सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे. चश्मदीदों ने जो देखा और उन पर जो गुजरी… आतंकियों की गोली से जो बच गए, उनकी आपबीती कलेजा चीर देने वाली है.

अनंतनाग दक्षिण कश्मीर में आता है और ये घटना अनंतनाग जिले के पहलगाम से 6 किमी दूर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुई है. मंगलवार दोपहर में पर्यटक यहां घूम रहे थे. इसी बीच, दोपहर 2.45 बजे करीब छह आतंकी पहुंचे और अलग-अलग जगहों पर अटैक कर दिया. आतंकियों ने वहां मौजूद 45 पर्यटकों के समूह पर गोलियां बरसाईं. इनमें 26 टूरिस्ट की मौत हो गई, जबकि 17 से ज्यादा लोग घायल हैं. मरने वालों में दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं. अब तक 22 लोगों की पहचान हो गई है. आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर से दिल्ली तक हाईअलर्ट है.

घायलों कों ऐसे किया गया रेस्क्यू

बेसरन में घास से घिरा बड़ा मैदान है. बैसरन तक सिर्फ पैदल या घोड़ों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. हमले के बाद सुरक्षाबल पहलगाम से बेसरन पहुंचे. घायलों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर लगाए गए. कुछ घायलों को पहले पहलगाम में प्राथमिक उपचार दिया गया. उसके बाद जीएमसी अस्पताल अनंतनाग और श्रीनगर एम्स ले जाया गया.

हमले के बाद कैसा था मंजर?

बैसरन में हमले की खबर मिलते ही पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया. घास के मैदान में लोगों ने किसी तरह छिपकर जान बचाई. कुछ पर्यटकों के वीडियो सामने आए हैं, जो हमले के बारे में जानकारी दे रहे हैं और बचकर भागते देखे जा रहे हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक होटल छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए. मारे गए और घायल लोगों के परिवारों को कड़ी सुरक्षा के बीच पहलगाम क्लब ले जाया गया.

बैसरन को क्यों बनाया टारगेट?

दरअसल, पहलगाम से बेसरन की दूरी 6 किमी है. पूरा इलाका पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा है और काफी ऊंचाई पर स्थित है. यहां तक वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं. यह पर्यटकों और ट्रैकर्स की पसंदीदा जगह है. इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती भी नहीं रहती है. पर्यटकों ने भी यही बताया कि जब आतंकियों ने हमला किया, तब वहां कोई फोर्स नहीं थी. चूंकि, घने जंगल के कारण भागना और छिपना आसान था, इसलिए नरसंहार के बाद आतंकी गायब हो गए. सूत्रों के मुताबिक इस एरिया में मोबाइल नेटवर्क और सुरक्षा बलों का बैकअप पहुंचने के समय को भी आतंकियों ने नोटिस किया था, उसके बाद हमले की प्लानिंग की गई होगी.

किसने आतंकी हमला किया?

हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है. सूत्रों के मुताबिक TRF और लश्कर के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) की भी मदद ली गई है. सुरक्षा एजेंसियां इस एंगल पर छानबीन कर रही हैं. TRF का हिट स्क्वाड फाल्कन स्क्वाड है जो कि ‘हिट एंड रन’ की तकनीक पर काम करता है. सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से इस घाटी की रेकी की होगी, जिसके आधार पर आतंकियों ने हमला किया है.

कितना बड़ा हमला?

पर्यटकों पर यह 25 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. इससे पहले 2000 में अमरनाथ बेस कैंप पर हमले में 30 से ज्यादा नागरिक मारे गए थे और 60 घायल हुए थे. 2019 में घाटी के पुलवामा में भी बड़ा घातक हमला हुआ था. पीडीपी सहित तमाम संगठनों विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है और बुधवार को जम्मू कश्मीर बंद का आह्वान किया है. खुफिया सूत्र बताते हैं कि दहशतगर्दों ने पर्यटन स्थलों और होटलों की रेकी की थी. 300 राउंड फायरिंग की.

आतंकियों ने किसे बनाया टारगेट?

चश्मदीद बताते हैं कि आतंकवादी आर्मी और पुलिस की वर्दी पहनकर आए थे और मास्क लगाए थे. ये सभी मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले घास के मैदान में घुसे और गोलीबारी की. आतंकियों ने धर्म पूछकर पुरुषों को ही निशाना बनाया. एक महिला पर्यटक का कहना था कि आतंकियों ने पहले मेरे पति का धर्म पूछा और फिर मार दिया. हमले में मारे गए कर्नाटक के मंजूनाथ की पत्नी ने बताया कि जब उन्होंने आतंकियों से कहा कि आपने मेरे पति को मार दिया. मुझे भी मार दो. आतंकी बोला कि तुम्हे नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो.

टूरिस्ट ने क्या बताया?

एक अन्य टूरिस्ट ने बताया कि हम सभी घूम रहे थे. कुछ लोग वहां रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे. अचानक गोलियों की आवाज गूंजी और अफरा-तफरी मच गई. हमलावर आतंकी अलग-अलग ग्रुप में थे. इनकी संख्या करीब 4 से 6 हो सकती है. आतंकी पूरे मैदान में घूम-घूमकर करीब से गोलियां चला रहे थे. करीब 10 से 15 मिनट तक आतंकियों ने पूरे इलाके में खूनी खेल खेला. उसके बाद भाग निकले. मैदान में चारों तरफ खून से लथपथ लोग पड़े थे.  कोई कुर्सी पर पड़ा था, कोई जमीन पर गिरा मिला.

खुफिया एजेंसी को क्या आशंका?

बैसरन घाटी में जहां आतंकी हमला हुआ, उसके पास से एक संदिग्ध बाइक बरामद की गई है. काले रंग की इस बाइक पर कोई नंबर प्लेट नहीं है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी हमले में एक से ज्यादा गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ है. शक है कि टीआरएफ के ऑन ग्राउंड वर्कर की सकी मदद से आतंकियों के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया. फिलहाल, इस संदिग्ध बाइक की जांच की जा रही है.

सेना का क्या प्लान?

सेना ने आशंका जताई कि संभव है कि आतंकी जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर पहुंचे और कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंच हों. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ड्रोन की मदद ली जा रही है. हेलिकॉप्टर से तलाश की जा रही है. चारों ओर घेराबंदी की गई है. आज से बड़ा साझा ऑपरेशन शुरू किया जाएगा और दहशतगर्दों का खात्मा किया जाएगा. मंगलवार से ही आर्मी, CRPF, SOG, जम्मू कश्मीर पुलिस ने पूरे इलाके को घेर रखा है. हेलिकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल कर आतंकियों की तलाश की जा रही है. बुधवार सुबह दिल्ली से NIA की टीम श्रीनगर पहुंच गई. एनआईए की एक अन्य टीम भी श्रीनगर पहुंचेगी.

एक्शन में मोदी सरकार

कश्मीर में यह हमला तब हुआ, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं. अमरनाथ यात्रा से पहले पर्यटकों ने घाटी को खून से लहूलुहान किया है. जैसे ही पहलगाम में आतंकी हमले की खबर आई तो मोदी सरकार एक्शन में आ गई. कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई. पीएम मोदी सऊदी अरब से सीधे गृहमंत्री अमित शाह को फोन किया. फिर दिल्ली में हाई लेवल की मीटिंग हुई और उसके बाद अमित शाह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए. पीएम मोदी ने गृह मंत्री को तत्काल कार्रवाई करने और घटनास्थल पर जाने के लिए कहा था.