लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 57 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होना है. इस चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 7 लोकसभा सीटें भी हैं. केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सात सीटों के लिए चुनाव प्रचार अब थम गया है और 25 मई कों वोटिंग होनी हैँ. बात यदि दिल्ली में मतदाताओं की करें तों पूर्वांचल के मतदाताओं के बाद प्रवासियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी उत्तराखंड से आकर बसी है. यह आबादी क़रीब 45 लाख बैठती है. इस आबादी में लगभग 25 लाख वोटर हैं, जो किसी भी पार्टी का गणित बनाने या बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं. परंपरागत रूप से यह वोटर लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ रहा हैँ.
विधानसभा चुनावों में प्रवासी उत्तराखंडी मतदाताओं नें दिए संकेत
दिल्ली विधानसभा चुनावों में जिस एक सीट पर सबसे रोमांचकारी मुकाबला देखने को मिला वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज थी. इस सीट पर उत्तराखंड के मतदाता सबसे ज्यादा संख्या में हैं. यही नहीं, जो सात सीटें भाजपा ने जीती हैं, उनमें से तीन सीटों पर उत्तराखंड के वोटरों ने पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई.
BJP-कांग्रेस ने दिए टिकट तो लुभाने की कोशिश में रही AAP
भाजपा और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मूल के प्रत्याशियों को टिकट दिया तो आम आदमी पार्टी ने वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 2016 में घोषणा करने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली चुनावों से ऐन पहले उत्तराखंड मूल के वोटरों को लुभाने के लिए सांस्कृतिक अकादमी का गठन भी किया.
उत्तराखंड के लोक गायक हीरा सिंह बिष्ट को गढ़वाली-कुमाउंनी-जौनसारी भाषा अकादमी में उपाध्यक्ष बनाया. इसके अलावा, विनोद नगर में उत्तरायणी मेले के आयोजन से भी सिसोदिया ने इन वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश की थी.इतना ही नहीं दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने गढ़वाली भाषा में अपने प्रचार का गीत भी ट्वीट किया था.इन सब बातों कों ध्यान में रखते हुए इस बार के लोकसभा चुनावों में भाजपा नें भी उत्तराखंड के प्रवासी मतदाताओं कों लुभाने के लिए उत्तराखंड के भाजपा नेताओं की फौज चुनावी प्रचार प्रसार के लिए मैदान में उतार दी थीं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सीएम पुष्कर सिंह धामी, कैलाश पंत, सहित कई कैबिनेट मंत्रियों नें भी दिल्ली लोकसभा की उन सीटों की गलियों में खूब पसीना बहाया जहां प्रवासी उत्तराखंड के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी थीं.
इन इलाकों में उत्तराखंड के वोटर हैँ BJP के लिए अहम
दिल्ली के विनोद नगर, पांडव नगर, लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी, मयूर विहार फेज 2, मयूर विहार फेज 3, दिलशाद गार्डन, शाहदरा, सोनिया विहार, करावल नगर, संगम विहार, बदरपुर, आर के पुरम, पालम, महावीर इन्क्लेव, सागरपुर, उत्तम नगर, नज़फगढ़, शकूरपुर, वसंतकुंज, पटेल नगर, बुराड़ी, संत नगर और विश्वास नगर जैसे इलाकों में उत्तराखंड मूल के वोटर अहम हैं. ये मतदाता किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार में अहम भूमिका निभाते आए हैं. ये वोटर आमतौर पर भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता है, जिसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सेंध लगाती रही है. कहा जा सकता है कि इन्हीं वोटरों की बदौलत विधानसभा चुनावों में लक्ष्मीनगर, करावल नगर और विश्वासनगर विधानसभा में भाजपा को जीत मिली तो शाहदरा, नजफगढ़ और कृष्णानगर में भाजपा ने आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दी.