सरकारी धन की बर्बादी का प्रत्यक्ष प्रमाण देखना हो तो पर्यटन विभाग के कोटद्वार में बने नार्थ कार्बेट रिजार्ट पर एक नजर डाल दीजिए.करीब 14 करोड़ की लागत से बनाया गया यह रिसोर्ट निर्माण के 8 वर्ष बाद भी पर्यटकों के लिए नहीं खोला जा सका हैँ.इधर, रिसोर्ट में कर्मी न होने के कारण चोरों ने पूरे रिसोर्ट को हीं खंगाल दिया हैँ.हालात यह है कि पंखे, स्विच, एसी छोड़िए, चोर रिसोर्ट में लगी खिड़की, दरवाजे व चौखटें भी चोरी कर ले गए.दिलचस्प बात यह है कि इस रिसोर्ट का निर्माण एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से धनराशि ऋण लेकर किया गया था.
अभिभाजित उत्तर प्रदेश में स्थापित फैक्ट्री की जगह हुआ था रिजॉर्ट का निर्माण
उत्तर प्रदेश शासनकाल का वह दौर, जब कोटद्वार में कौड़िया स्थित फ्लशडोर फैक्ट्री में तैयार प्लाईवुड की पूरे उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी. राज्य में तमाम सरकारी निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाले खिड़की-दरवाजे इसी फैक्ट्री में बनते थे.यहां तक कि उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों के फर्श पर भी इसी फैक्ट्री का प्लाईवुड लगता था.उत्तराखंड राज्य का निर्माण इस फैक्ट्री के लिए अशुभ साबित हुआ व राज्य निर्माण के सात-आठ वर्ष बाद भी फैक्ट्री को बंद कर दिया गया और फैक्ट्री के 11 एकड़ परिसर में रिसोर्ट बनाने की कवायद शुरू की गई थीं.शासन ने वर्ष 2011-12 में रिसोर्ट निर्माण के लिए एडीबी से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इंवेस्टमेंट प्रोग्राम फार टूरिज्म के तहत अवमुक्त धनराशि से रिसोर्ट निर्माण का कार्य शुरू कर दिया.रिसोर्ट निर्माण का कार्य भी बाहरी एजेंसी को दिया गया.उक्त धनराशि से कार्यदायी एजेंसी ने रिसोर्ट का निर्माण कर 2015 में इसे उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सुपुर्द कर दिया.
योजना के अनुसार, रिसोर्ट निर्माण के बाद इसका संचालन पीपीपी मोड पर किया जाना था. लेकिन, सरकारी तंत्र 14 करोड़ की धनराशि फूंक रिसोर्ट को भूल गया और अगले पांच वर्षों तक रिसोर्ट बंजर पड़ा रहा और 2020 में कोरोना काल के दौरान इस रिसोर्ट को कोविड केयर सेंटर बना दिया गया. दो वर्षों तक रिसोर्ट में कोविड केयर सेंटर संचालित हुआ व 2021 में चिकित्सालय प्रशासन ने इसे खाली कर दिया.लेकिन, रखरखाव के अभाव में तब तक रिसोर्ट की स्थिति बदहाल हो चुकी थी. कोविड केयर सेंटर हटने के बाद पर्यटन विभाग ने 2021 में रिसोर्ट को 30 वर्ष के लिए पीपीपी मोड पर देने को निविदाएं आमंत्रित की.2022 में रिसोर्ट संचालन का जिम्मा उत्तर प्रदेश की एक फर्म को दे दिया गया.फर्म ने करीब एक वर्ष तक रिसोर्ट में मरम्मत आदि का कार्य किया.इधर, पर्यटन विभाग ने पीपीपी मोड पर दिए जाने के एक वर्ष बाद भी रिसोर्ट का संचालन न होने पर फर्म से रिसोर्ट को वापस ले लिया. हैरानी की बात तो यह है कि फर्म से रिसोर्ट को वापस लेने के बाद विभाग ने यहां चौकीदार अथवा अन्य कर्मियों की तैनाती नहीं की.नतीजा, चोर पूरे रिसोर्ट को खंगाल गए.
नॉर्थ कार्बेट रिसोर्ट की वर्तमान स्थिति
11 एकड़ जमीन में बने इस नॉर्थ कार्बेट रिसोर्ट में पर्यटकों के लिए अत्याधुनिक सुविधायुक्त आठ कॉटेज, चार एक्ज्यूकेटिव बैड रूम, चार डीलक्स बैड रूम, फूड कोर्ट, 20 बिस्तरों की डोरमैट्री, इंटरप्रिटेशन सेंटर, कान्वेंशन सेंटर, वैडिंग हाल, एडवेंचर क्लाइबिंग वाल, म्यूजिकल एंड डासिंग फाउंटेन, सहित कई अन्य सुविधाएं दी गई थी। लेकिन, वर्तमान में रिसोर्ट पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है। चोर रिसोर्ट परिसर में रखे झूले, कमरों में लगे पंखे, एयरकंडीशनर के साथ ही कमरों में लगे स्विच बोर्ड तक उखाड़ ले गए। साथ ही कमरों में लगी विद्युत तारें भी उखाड़ दी हैं। इतना ही नहीं, चोर कमरों व काटेज में लगे दरवाजे व खिड़कियों के साथ ही चौखट और ग्रिल भी चोरी कर गए। रिसोर्ट की वर्तमान स्थिति को देख यह स्पष्ट है कि पर्यटन विभाग ने उधारी में ली गई करोड़ों की धनराशि को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।