सड़कों पर सन्नाटा, इंटरनेट पूरी तरह ठप और पुलिस का फ्लैग मार्च…हिंसा के बाद नूंह में कुछ ऐसे हैं मौजूदा हालात

हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद अब फिलहाल पूरे इलाके में शांति नजर आ रही है. पिछले तीन दिनों से पूरे जिले में कर्फ्यू लगाया गया है और सड़कों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. इसके अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद और बाकी जगहों पर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. नूंह हिंसा को लेकर अब तक 42 एफआईआर दर्ज की गई हैं, वहीं कुल 137 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 116 आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं. पुलिस बाकी आरोपियों की भी पहचान कर रही है.

नूंह में क्या हैं मौजूदा हालात

हिंसा के बाद नूंह जिले के मौजूदा हालात की बात करें तो यहां पैरामिलिट्री फोर्स अलग-अलग इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च कर रही है. सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा है. इंटरनेट सेवाएं अब भी सस्पेंड हैं और कर्फ्यू अभी भी जारी है. पिछले 3 दिनों में छिटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो नूंह में शांति बनी हुई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी है. पुलिस को शक है कि ये एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है. फिलहाल दुकानें बंद हैं और चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात किया गया है.

मोनू मानेसर की भी तलाश

पुलिस ये भी पता लगा रही है कि हिंसा के पीछे कोई और कारण है या फिर मोनू मानेसर का सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया वीडियो, जिसमें वो यात्रा में शामिल होने की बात कर रहा है. फिलहाल जुनैद-नासिर हत्याकांड मामले के बाद से ही खुद को गोरक्षक बताने वाला मोनू मानेसर फरार चल रहा है.

बता दें कि हरियाणा के नूंह और मेवात में हिंदू संगठनों की एक शोभा यात्रा के दौरान हिंसा भड़ गई, बताया गया कि कुछ लोगों ने यात्रा पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके अलावा गोलियां भी चलीं, इस हिंसा में करीब पांच लोगों की मौत हो गई. हिंसा के दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि इसका हर्जाना दंगाइयों से ही वसूला जाएगा.

महिला जज की गाड़ी को भी भीड़ नें बनाया अपना निशाना

हरियाणा के नूंह में वीएचपी की ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर हमले के दौरान भीड़ ने नूंह की एक एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की गाड़ी पर हमला कर उसमें आग लगा दी थी. हालांकि इस हमले में जज और उनकी तीन साल की बेटी बाल-बाल बच गईं. एक एफआईआर से इस बात का खुलासा हुआ है.

नूंह शहर थाने में मंगलवार को दर्ज एफआईआर में बताया गया कि एसीजेएम अंजलि जैन की गाड़ी पर सोमवार को हमलावरों ने पथराव और गोलीबारी की, जिस कारण उन्हें और उनकी बेटी को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. जज, उनकी बेटी और कर्मचारियों को नूंह के पुराने बस स्टैंड की एक वर्कशॉप में शरण लेनी पड़ी, जिन्हें बाद में कुछ वकीलों ने बचाया. नूंह एसीजेएम की कोर्ट में प्रोसेसर सर्वर (कानूनी कारवाई में मौजूद पक्षों को कानूनी दस्तावेज देने वाला व्यक्ति) के रूप में काम करने वाले टेकचंद की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.